उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता विकसित करने और विकलांग व्यक्तियों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करने के लिए संस्थानों से यह उम्मीद किया जाता है कि –
• विकलांग व्यक्तियों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सुविधा प्रदान कराना|
• विकलांग व्यक्तियों के लिए मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान कराना |
• विकलांग व्यक्तियों की जरूरतों और अन्य सामान्य मुद्धे जो उनके सीखने के विषय से जुड़े हुए है उनके बारे में जागरूक करना ।
• पब्लिक और प्राइवेट छेत्र में विकलांग स्नातकों को सफल रोजगार हासिल करने के लिए उनकी सहायता करना |एक विशेष इकाई का निर्माण करना जिसके प्रमुख का नाम संस्था के प्रमुख द्वारा नामित किया जाएगा ।
सक्षम इकाई के प्रमुख कार्य
• उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययन करने के लिए पाठ्यक्रम के प्रकार के आधार पर विकलांग व्यक्तियों को परामर्श प्रदान करना।
• ओपन कोटा और आरक्षण के माध्यम से अधिक से अधिक विकलांग छात्रों का दाखिला सुनिश्चित करना |
• विकलांग व्यक्तियों से संबंधित शुल्क रियायतें, परीक्षा प्रक्रियाओं, आरक्षण नीतियों, आदि के बारे में जानकारी एकत्र करना |
• उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे विकलांग छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं और उनके सहायक उपकरणों का आकलन करना |
• संस्थान के शिक्सको के लिए “शिक्षण के लिए दृष्टिकोण, मूल्यांकन प्रक्रिया, आदि विषयों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना जो विकलांग छात्रों के लिए आवश्यक है ।
• विकलांग छात्रों की शिक्षा पूरी होने के बाद उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें उचित उचित रोजगार प्राप्त करने में सहायता करना |
• विकलांग व्यक्तियों की क्षमताओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संस्थान में विकलांगता से संबंधित महत्वपूर्ण दिन पर आयोजन करना जैसे की विश्व विकलांग दिवस, व्हाइट केन डे, आदि |
• HEPSN योजना के तहत उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा प्रदान की गयी विशेष सहायक उपकरणों के रखरखाव सुनिश्चित करना और विकलांग व्यक्तियों को उनके सीखने के अनुभव को समृद्ध बनाने के लिएउ न्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना |
• HEPSN योजना द्वारा लाभान्वित छात्रों का मामलों के इतिहास के साथ उनका वार्षिक रिपोर्ट बनाना |
विकलांग व्यक्तियों को माध्यम उपलब्ध कराना
• यह महसूस किया गया है कि विकलांग व्यक्तियों को अपनी गतिशीलता और स्वतंत्र कामकाज के लिए वातावरण में विशेष व्यवस्था की जरूरत है।
• यह भी एक तथ्य है कि कई संस्थानों में वास्तु बाधाओं के कारण विकलांग व्यक्तियों को अपने दैनिक कामकाज के लिए मुश्किल लगता है |
• इन कॉलेजों/संस्थानों को विकलांगता अधिनियम 1995 की शर्तों के अनुसार सुनिश्चित करें कि उनके परिसरों में मौजूदा सभी ढांचे और भविष्य में निर्माण होने वाले परियोजनाए विकलांग व्यक्तियों के अनुकूल हो |
• संस्थानों में विशेष सुविधाओं का सृजन करना चाहिए जैसे की रैंप, रेल और विशेष शौचालय और अन्य आवश्यक परिवर्तन जो विकलांग व्यक्तियों के लिए आवश्यक है |
• निर्माण की योजना स्पष्ट रूप से विकलांगता व्यक्तियों से संबंधित मुद्दों को ध्यान में रख कर बनाना चाहिए| दिशा-निर्देश चीफ विकलांगो के मुख्य आयुक्त के कार्यालय द्वारा निर्धारित किया जायेगा |